first try with hindi poetry. :)
तुम हो!
© Vishal Mehra 2014
मै हूँ, मेरे सपने हैं, और सपनों की रानी तुम हो!
दिल की गहराई में छुपी हो कहीं, अनकही इक कहानी तुम हो!
चाँद में तुम, शाम में तुम, गीतों की झंकार में तुम हो!
जान हो तुम, सांस हो तुम, और मेरा संसार भी तुम हो!
यादों में तुम, बातों में तुम, मेरे दिल को भाई भी तुम हो!
जन्नत सा एहसास है ये, मेरी तो तन्हाई भी तुम हो!
तुम हो ख़ुशी में, रुस्वाई में तुम हो!
सावन तुम, पुरवाई भी तुम हो!
ईमान तुम, जहां तुम,जान भी तुम, जूनून भी तुम हो!
हारे दिल की है जो तलाश, बिछड़ा वो सुकून भी तुम हो!
आशिकी तुम, दीवानगी तुम, मेरा अब अभिमान भी तुम हो!
तुमसे है सब, तुमसे हूँ मै, और मेरी जान भी तुम हो!
सुबह भी तुम, और रात भी तुम, धड़कन की रफ़्तार भी तुम हो!
प्रेरणा तुमसे, आशा तुमसे,यार भी तुम, और प्यार भी तुम हो!
आफत तुम, युक्ति तुम, शिद्दत तुम, और ख़ुदा भी तुम हो!
पास होकर भी दूर हो तुम, मिलके भी यूं जुदा क्यों तुम हो !?
pic By le vent le cri (Love you!) [CC-BY-2.0 (http://creativecommons.org/licenses/by/2.0)], via Wikimedia Commons
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thanks for reading. :), report errors at mehra.vishal36@gmail.com
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